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राम भक्त ले चला रे राम की निशानी भजन लिरिक्स | Ram Bhakat Le Chala Re Ram Ki Nishani Bhajan Lyrics

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी भजन लिरिक्स

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी भजन लिरिक्स


प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी,
शीश पर खड़ाऊँ, अँखिओं में पानी ।

शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे,
राम सिया जी संग हो जैसे ।
अब इनकी छाव में रहेगी राजधानी,
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥

पल छीन लागे सदिओं जैसे,
चौदह वरष कटेंगे कैसे ।
जाने समय क्या खेल रचेगा,
कौन मरेगा कौन बचेगा ।
कब रे मिलन के फूल खिलेंगे,
नदिया के दो फूल मिलेनेगे ।
जी करता है यही बस जाए,
हिल मिल चौदह वरष बिताएं
राम बिन कठिन है इक घडी बितानी,
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥

तन मन बचन, उमनग अनुरागा,
धीर धुरंधर धीरज त्यागा ।
भावना में बह चले धीर वीर ज्ञानी,
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥

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