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तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं भजन लिरिक्स | Tere Dar Ko Chhod Ke Kis Dar Jaau Mein Bhajan Lyrics

तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं भजन लिरिक्स

तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं भजन लिरिक्स


निसदिन सुमिरन ही करूँ, राम राम श्री राम,

तेरे दर को छोड़ के, किस दर जाऊं मैं,

देख लिया जग सारा मैंने, तेरे जैसा मीत नहीं।
तेरे जैसा सबल सहारा, तेरी जैसी प्रीत नहीं।
किन शब्दों में आपकी महिमा गाऊं मैं॥

अपने पथ पर आप चलूँ मैं, मुझ में इतना ग्यान नहीं।
हूँ मति मंद नयन का अंधा, भला बुरा पहचान नहीं।
हाथ पकड़ कर ले जाओ, ठोकर खाऊं मैं॥

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