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देकर शरण अपनी अपने में समा लेना भजन लिरिक्स | Dekar Sharan Apani Apne Mein Sama Lena Bhajan Lyrics

देकर शरण अपनी अपने में समा लेना भजन लिरिक्स

देकर शरण अपनी अपने में समा लेना भजन लिरिक्स


बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥
कही धरती डोले है कही अंबर है बरसे,
तुमसे मिलने को भोले मिलने ना दे करते,
मुश्किल बड़ी राहें है रस्ता भी दिखा देना,
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥

दर दर क्यों भटकु मैं कुछ मुझमे कमी होगी,
अपनी सेवक रखलो कदमो में जमीन होगी,
हलातों से लड़ लड़कर जीना भी सीखा देना,
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥

जब भी पुकारू मैं तुमको तुम्हे आना ही होगा,
इतनी विनती है मेरी तुम्हे पार लगाना होगा,
जैसी हु तेरी हु चरणों में जगह देना,
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥

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