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मनुष जन्म अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे भजन लिरिक्स | Manush Janam Anamol Re Mitti Me Na Rol Re Lyrics

मनुष जन्म अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे भजन लिरिक्स


मनुष जन्म अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे भजन लिरिक्स


मनुष जनम अनमोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे।
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे।

तु सत्संग मे आया कर,
गीत प्रभु के गाया कर।
साँझ सवेरे बेठ के बन्दे ,
हरी का ध्यान लगाया कर।
नही लगता कुछ मोल रे ,
मिट्टी मे ना रोल रे।
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे।
मनुष जनम ….

तु बूद बूद है पानी का,
मत कर जोर जवानी का।
समझ समझ के क़दम रखो,
पता नही ज़िन्दगानी का।
सबसे मीठा बोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे।
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे।
मनुष जनम ….

मतलब का संसार है,
इसका क्या ऐतबार है।
सम्भल सम्भल के क़दम रखो,
फुल नही अंगार है।
मन की आँखे खोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे।
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे।
मनुष जनम ….

श्री सतगुरु सिर मोड़ है ,
ज्ञान का भंडार है।
जो कोई उनकी सरणो में आवे ,
करते बेडा पार रे।
सत्संग है अनमोल रे ,
मिट्टी मे ना रोल रे।
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे।

मनुष जनम अनमोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे,
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे।

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